Monday 23 May, 2011

खूनी पंजे छापना और भूत भगाना Khuni Panja


खूनी पंजे छापना और भूत भगाना Khuni Panja
लाल पंजों के निशान 
अंतर्राष्ट्रीय रसायन वर्ष के तहत आज स्कूली बच्चों को यह बताया गया कि किस प्रकार ठग बाबे सयाने मियाँ मासूम लोगों को तथाकथित चमत्कार दिखा कर गुमराह करते है और लुटते हैं |
चमत्कारों  के पीछे रसायन शास्त्र
रसायन शास्त्र  का प्रयोग कर के वो लोगो को रासायनिक क्रियाओं के द्वारा बेवकूफ बनाते हैं |
आज ऐसा ही एक प्रयोग कर के दिखाया गया
इस चमत्कार से जुडी कहानी पहले सुनाई जाए फिर प्रयोग का खुलासा करने मे आसानी होगी |
एक ओरत रोती  हुई एक बाबे की कुटीया मे जाती है और वो वहां पर सयानों को बताती है कि उस के घर सब बीमार रहते है आप कोई ऐसा चमत्कार कर दो कि सब ठीक हो जाए, बाबे ने अपनी पोटली से एक पीला कपड़ा निकाला और उस ओरत के हाथ अपने लोटे के जल से धुलवाए और उस पीले कपडे पर गीले गीले हाथ रखने को कहा; वह ओरत अपने हाथ पीले कपडे पर रख देती है बाबा जी मन्त्र पड़ते हैं और हाथ उठाने को कहता है तो पीले कपडे पर दोनों खूनी पंजे छप जाते हैं |
बाबा उस ओरत को कहता है जाओ अब तुम्हारे अंदर से मैंने खूनी-प्यासी आत्मा निकाल दी है और उस के सब गहने और नगदी ले कर फरार हो जाते है |
आओ अब जाने ये खूनी पंजे कैसे छप जाते है ?
आवश्यक सामान 
पीला  कपड़ा एक बर्तन मे पानी मे हल्दी का पाउडर घोल कर उस मे एक सफ़ेद कपड़ा डुबो लेते हैं उस सफेद कपडे पर हल्दी का पीला रंग चढ जाता है|
चूने का घोल : फिर पानी मे सफेदी करने वाला चूना डाल कर घोल लेते हैं थोड़ी देर मे चूना पाउडर नीचे बैठ जाता है और चुने का पारदर्शक घोल बच जाता है|



कल्ब सदस्य प्रयोग करते हुए 
कैसे किया : 
इस घोल से हाथ धुलवा कर जब गीले हाथ पीले कपडे पर रखने से हल्दी के साथ चूने के पानी की क्रिया होती है
 तो लाल लहू जैसा रंग के पंजे पीले कपडे पर छप गए;
हल्दी की क्षार के साथ क्रिया लाल रंग उत्त्पन्न करती है
ऐसा दैनिक जीवन मे तब देखने को मिलता है जब कभी खाना खाते हुए सब्जी के दाग कपड़ो पर लग जाते हैं और जब उन कपड़ों को धोया जाता है तो साबुन (क्षार) के साथ क्रिया कर के वो लाल बन जाते है |
यह देखें सारे चित्र
लाल रंगें रुमाल 
प्रयोग सीख कर खुशी 

अब  देखें प्रयोग का यह चलचित्र


प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा--दर्शन बवेजा ,विज्ञान अध्यापक ,यमुना नगर ,हरियाणा



Tuesday 3 May, 2011

ताम्बे का सोना चाँदी बनवा लो Gold Magishian Chemistry Drama


ताम्बे का सोना चाँदी बनवा लो Gold Magishian
विज्ञान नाटिका शृंखला-२
मीना का कारनामा
Meena's  Science World
(नेपथ्य से उठती आवाज ...और फिर एक आदमी का मंच पर अवतरित होना)
गहने साफ़ करवा लो …नए से बनवा लो …..चांदी सोने के गहने धुलवा लो |
चमकवा लो नए बना कर दूंगा …………५ रुपयों में ……
औरत-१ : भईया मेरे गहने साफ़ कर दो इन्हें चमका कर नए जैसे बना दो |
ठग : ला बहन इन्हें तो मै दो मिनट में चमका देता हूँ | 
औरत-२ : क्या कर रहे हो तुम सब यहाँ ? (कौतूहलवश पूछती एक अन्य स्त्री)
औरत-१ : बहन मै अपने सोने चांदी के गहने चमकवा रही हूँ ५ रुपयों में |
औरत-१ : वाह भईया ! मेरे पास ताम्बे के सिक्के है पुराने समय के, उन को भी चमका दोगे ?
ठग :   अरे मै तेरे ताम्बे के सिक्के को सोने चाँदी के बना दूंगा, मेरे पास चमत्कारी जल है |
दोनों औरत : हैरत से, क्या ? सच में (मुंह खुला का खुला रह जाता है)
मै अभी लाई ,यह कह कर वह औरत अपने ताम्बे के सिक्के लेने घर चली गयी |
(इतने में उसने, औरत-१ को उस के गहने चमका कर दे दिए)
और कहा,
ठग : इन्हें अब तीन दिन तक पानी में डूबों कर रखना है फिर ये जिंदगी में कभी गंदे नहीं होने के |
औरत-२ : लो भईया, ये लो ताम्बे के सिक्के बना दो इन्हें सोने के
(उस ठग ने अपने बक्से से एक चमत्कारी द्रव निकाला, अपने छोटे से स्टोव को जला कर द्रव को गर्म किया और उस में ताम्बे के सिक्के डाल दिए ५-६ मिनट बाद वो चाँदी के बन गए,
अब उसने चिमटी से पकड़ कर उन सिक्को को थोड़ा सा गर्म किया वो सब गर्म हो कर सोने के बनते चले गए)
औरत-१,औरत-२ : वाह जी वाह, आपकी जय हो ….जय हो …
ठग : बहन इनकी गर्मी निकालने के लिए इनको तीन दिन तक पानी में डुबो कर रखना है फिर इनका जो करना है वो कर लेना |
औरत-२ : (ठग से बहुत प्रभावित) आप मेरे भी सोने चाँदी के गहने चमका दो |
ठग :  लाओ, एक बड़ा सा लाल कपड़ा भी लेती आना |
औरत-२ : जी अभी लाई |
ठग ने औरत-२ के गहने एक दम बढ़िया चमका दिए,और ठग ने औरत-२ से पूछा क्या वो अपने गहने हीरे पन्ने के बनवाना चाहती है|
औरत-२ : हाँ जी हाँ, मुझे हीरे पन्ने बहुत पसंद हैं |
(ठग ने लाल कपड़ा मांगा और उस में अपनी पोटली से नकली गहने लपेट कर दे दिए और घर के पूजा स्थल में रख कर आने को कहा)
ठग : औरत-२ से इनको पूर्णीमा के दिन खोल कर देखना इनमे चाँद तारे जैसे रत्न जड़ चुकंगे |
औरत-२ : ठीक है जी,मै रख आयी लाल कपडे में लिपटे सारे गहने |
ठग : अच्छा अब मै चलता हूँ तीन दिन बाद आ कर  बहन तेरे घर भोजन करूँगा यह कह कर ठग वहां से चम्पत हो गया |
(तभी मीना आती है उस को सारी बात पता चलती है कि कोई सोने चांदी के आभूषण चमका गया   है गावं में और ताम्बे  के सिक्कों को चांदी और सोने की अशर्फियाँ में बदल गया है | मीना को हैरानी होती है,वैज्ञानिक सोच और तार्किक होने के कारण उस को पता था कि चमत्कार कभी नहीं हो सकते चमत्कारों के होने धोखा दिया जा सकता है)
(स्कूल जा कर मीना ने अपने विज्ञान अध्यापक को सारी बात बतायी)
मीना(अध्यापक से) : ऐसा कैसे हुआ,गहने कैसे चमक गए सर ?
विज्ञान अध्यापक : सोने-चाँदी के गहनों को किसी अम्ल-राज (Aqua regia)  में डाल देने से अम्ल-राज  सोने के साथ क्रिया कर के सोने को अपने अंदर घोल लेता है जिस को बाद में अन्य रासायनिक क्रियाएँ करवा कर वापस प्राप्त कर लिया जाता है |
मीना : और ताम्बे के सिक्के चाँदी और  सोने में कैसे बदल जाते है ?
विज्ञान अध्यापक : हाँ यह प्रयोग बहुत ज्ञानवर्धक है और तुम्हारे पाठ्यक्रम में भी है कक्षा के सब बच्चों को बुला लो,अब ये प्रयोग मै तुम्हे कर के दिखता हूँ |
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(बीकर में 250 ml पानी ले कर उस में 50 ग्राम सोडियम हाइड्रोक्साइडNaOH घोल कर गर्म कर लेते है फिर उस गर्म घोल में ताम्बे का सिक्का डाल देते हैं थोड़ी ही देर में जस्तीकरण की क्रिया शुरू हो जाती है और ताम्बे के सिक्के पर जस्त की पतली परत चढ़ जाती है जिस देखने  पर वह सिक्का चांदी जैसा लगने लगता है वास्तव में वह होता है जस्तीकृत कापर का सिक्का) coins gold_1 (3)_cmp 
मीना : अब इस  जस्तीकृत सिक्के को सोने का कैसे बनाते है ?
विज्ञान अध्यापक : वो भी बना देते हैं पहले आप बताओ कि पीतल मिश्रधातु किस किस धातु से मिल कर बनी होती है
मीना : ताम्बे और ज़स्ते को पिंघला कर मिलाने से |
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विज्ञान अध्यापक : सही कहा,इस सिक्के को देखों इस के नीचे तम्बा और उपर जिंक है अब मै इस सिक्के को गर्म करता हूँ उपर की परत पर पीतल बन जाएगा और जिसे वह ठग सोने का बता कर चला गया |





मीना : सच में ! यह तो सोने का ही सिक्का लगता है | परन्तु उस ने तीन दिन तक पानी में रखने को क्यों कहा ?
विज्ञान अध्यापक : ताकि ठगी का भेद  तीन दिन बाद खुले और कोई उसे ढूंड ना सके |
मीना : क्या लाल पोटली वाले गहनों पर हीरे पन्ने जड़ेंगे ?
विज्ञान अध्यापक : नहीं,उस लाल पोटली में तो वो गहने भी नहीं होंगे जो उस औरत-२ ने दिए होंगे,उस पोटली में ठग के द्वारा बदल दिए गए नकली गहने होंगे |
मीना : अरे ! ये तो लुट गई बेचारी भोली ओरतें |
विज्ञान अध्यापक : तभी तो कहा है लालच बुरी बला और अज्ञानता अति बुरी बला
इस पूरे प्रयोग की वैज्ञानिक डिटेल यहाँ पर पढ़े |       
प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा--दर्शन बवेजा ,विज्ञान अध्यापक ,यमुना नगर ,हरियाणा

रसायन विज्ञान नाटिका -1 Science Drama -1


विज्ञान नाटिका शृंखला-1
मीना का कारनामा
सयाने की पोल मीना ने दी खोल
Meena's  Science World
(नेपथ्य से उठती आवाज ...और फिर एक प्रौढ़ महिला का मंच पर अवतरित होना )
आ हा  अहा….
अब नहीं आयेंगे मुझे भयानक सपन,
नहीं तंग करेगी मुझे तडपती काली रूह ..
जय पीर बाबा की...जय हो ... जय जय हो...
सयाने जी ने मुझको तंग करने वाली रूह को भगा दिया है
(अब महिला के सामने मंच पर एक छात्रा  का भी आगमन )
मीना: वो कैसे चाची जी !
चाची: उसने उस रूह को काली मिर्चों में बुला कर पानी में डाल कर भगा दिया है |
मीना: अच्छा जी !  कितने पैसे लिए आपस ?
चाची:  सयाने जी ने कुछ नहीं लिया, वो तो मेरे सारे गहने और पैसे वो बुरी रूह ले गयी|
मीना: चाची जी ये काम यानि आपकी बुरी रूह को  तो मै भी भगा सकती थी वो भी मुफ्त में, मैंने भी अपने स्कूल में बुरी रूह भागने का यह तरीका सीखा  है|
चाची: अरे! नहीं ,मीना अगर ऐसा है तो कर के दिखा |
मीना: रुको,अभी सामान ले कर आयी |
चाची: तो दिखा रूह को भगा कर |
मीना: लो चाची एक सफेद प्लेट में पानी लेते है|
imp-1
फिर उस पानी में बुरी रूह को पकड़ने वाली पीसी हुई काली मिर्च  डालते है |
imp-2
मीना: हाँ तो चाची जी ऐसा ही किया था ना उस सयाने ने भी |
imp-3 चाची: पर वो तो साथ साथ बड़े बड़े कलमे भी पढ़ रहे थे|
मीना: लो चाची जी वो तो मै भी पढ़ सकती हूँ |अब आप अपनी ऊँगली लाओ, पानी से छुवाओ, वो बुरी रूह आप के शरीर से निकल कर काली मिर्च के पाउडर में आ जाएगी|

(चाची  ने ऐसा ही किया अपनी ऊँगली को पानी से छुवाया तो पहले कुछ नहीं हुआ| फिर मीना ने शैम्पू या साबुन के पानी से थोड़ा सा भीगे हुए कपड़े से चाची जी की वो ही ऊँगली साफ़ करने का नाटक किया और इस धोखे से उस ने चाची जी की ऊँगली में शैम्पू लगा दिया और मुहँ मुहँ में कुछ बुदबुदाने लगी जैसे कुछ पढ़ रही हो |
imp-4 अब उस ने  चाची को कहा कि वो अपनी ऊँगली से पानी के मध्य में डुबोये जैसे ही चाची ने ऐसा किया  काली मिर्च का पाउडर पलेट के किनारे की और भाग गया)
चाची: हाँ!वहां भी वो बुरी रूह ऐसे ही भागी थी अरे ! ये काला इल्म तुने कहाँ से सीखा |
मीना: चाची ये कोई काला इल्म नहीं है| यह तो पृष्ठ तनाव का सिद्धांत है और साबुन,शैम्पू और डिटर्जेंट आदि इसी सिद्धांत पर ही तो कपड़ो की सफाई करते है हम सब बच्चों ने अपने विज्ञान अध्यापक से स्कूल में यह सब सीखा है और भी बहुत कुछ जैसे वैज्ञानिक प्रयोग,हाथ की सफाई और चमत्कारों का पर्दाफ़ाश करना भी सीखा है ताकि कोई हमें ना ठग सके, जैसे आप को वो सयाना ठग गया |
चाची: मै अभी जाती हूँ उस सयाने से अपने गहने वापिस लेने |
मीना: रहने दो चाची ,अब वो नहीं मिलेगा | वो तो कभी का भाग गया होगा | अपने अगले शिकार की तलाश में.....
चाची: ये सब कुछ  तुझे कैसे पता ?
मीना: ये भी मेरे मास्टर जी ने ही बताया है और ये रूह,आत्मा कुछ नहीं होती और ना ही कोई भूत प्रेत  |
चाची: अरे वाह  ! मीना बड़ा ‘सयाना’ है रे तेरा मास्टर तो.......
हा हा हा हा हा …………..
और मै चली थाने ऍफ़.आई.आर. करवाने |
इस का वीडियो
प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा--दर्शन बवेजा ,विज्ञान अध्यापक ,यमुना नगर ,हरियाणा