खूनी पंजे छापना और भूत भगाना Khuni Panja
लाल पंजों के निशान |
अंतर्राष्ट्रीय रसायन वर्ष के तहत आज स्कूली बच्चों को यह बताया गया कि किस प्रकार ठग बाबे सयाने मियाँ मासूम लोगों को तथाकथित चमत्कार दिखा कर गुमराह करते है और लुटते हैं |
चमत्कारों के पीछे रसायन शास्त्र
रसायन शास्त्र का प्रयोग कर के वो लोगो को रासायनिक क्रियाओं के द्वारा बेवकूफ बनाते हैं |
आज ऐसा ही एक प्रयोग कर के दिखाया गया
इस चमत्कार से जुडी कहानी पहले सुनाई जाए फिर प्रयोग का खुलासा करने मे आसानी होगी |
एक ओरत रोती हुई एक बाबे की कुटीया मे जाती है और वो वहां पर सयानों को बताती है कि उस के घर सब बीमार रहते है आप कोई ऐसा चमत्कार कर दो कि सब ठीक हो जाए, बाबे ने अपनी पोटली से एक पीला कपड़ा निकाला और उस ओरत के हाथ अपने लोटे के जल से धुलवाए और उस पीले कपडे पर गीले गीले हाथ रखने को कहा; वह ओरत अपने हाथ पीले कपडे पर रख देती है बाबा जी मन्त्र पड़ते हैं और हाथ उठाने को कहता है तो पीले कपडे पर दोनों खूनी पंजे छप जाते हैं |
बाबा उस ओरत को कहता है जाओ अब तुम्हारे अंदर से मैंने खूनी-प्यासी आत्मा निकाल दी है और उस के सब गहने और नगदी ले कर फरार हो जाते है |
आओ अब जाने ये खूनी पंजे कैसे छप जाते है ?
आवश्यक सामान |
पीला कपड़ा : एक बर्तन मे पानी मे हल्दी का पाउडर घोल कर उस मे एक सफ़ेद कपड़ा डुबो लेते हैं उस सफेद कपडे पर हल्दी का पीला रंग चढ जाता है|
चूने का घोल : फिर पानी मे सफेदी करने वाला चूना डाल कर घोल लेते हैं थोड़ी देर मे चूना पाउडर नीचे बैठ जाता है और चुने का पारदर्शक घोल बच जाता है|
कल्ब सदस्य प्रयोग करते हुए |
कैसे किया :
इस घोल से हाथ धुलवा कर जब गीले हाथ पीले कपडे पर रखने से हल्दी के साथ चूने के पानी की क्रिया होती है
तो लाल लहू जैसा रंग के पंजे पीले कपडे पर छप गए;
हल्दी की क्षार के साथ क्रिया लाल रंग उत्त्पन्न करती है
ऐसा दैनिक जीवन मे तब देखने को मिलता है जब कभी खाना खाते हुए सब्जी के दाग कपड़ो पर लग जाते हैं और जब उन कपड़ों को धोया जाता है तो साबुन (क्षार) के साथ क्रिया कर के वो लाल बन जाते है |
यह देखें सारे चित्र
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