विज्ञान नाटिका शृंखला-1
मीना का कारनामा
सयाने की पोल मीना ने दी खोल
Meena's Science World
(नेपथ्य से उठती आवाज ...और फिर एक प्रौढ़ महिला का मंच पर अवतरित होना )
आ हा अहा….
अब नहीं आयेंगे मुझे भयानक सपन,
नहीं तंग करेगी मुझे तडपती काली रूह ..
जय पीर बाबा की...जय हो ... जय जय हो...
सयाने जी ने मुझको तंग करने वाली रूह को भगा दिया है
(अब महिला के सामने मंच पर एक छात्रा का भी आगमन )
मीना: वो कैसे चाची जी !
चाची: उसने उस रूह को काली मिर्चों में बुला कर पानी में डाल कर भगा दिया है |
मीना: अच्छा जी ! कितने पैसे लिए आपस ?
चाची: सयाने जी ने कुछ नहीं लिया, वो तो मेरे सारे गहने और पैसे वो बुरी रूह ले गयी|
मीना: चाची जी ये काम यानि आपकी बुरी रूह को तो मै भी भगा सकती थी वो भी मुफ्त में, मैंने भी अपने स्कूल में बुरी रूह भागने का यह तरीका सीखा है|
चाची: अरे! नहीं ,मीना अगर ऐसा है तो कर के दिखा |
मीना: रुको,अभी सामान ले कर आयी |
चाची: तो दिखा रूह को भगा कर |
मीना: लो चाची एक सफेद प्लेट में पानी लेते है|
फिर उस पानी में बुरी रूह को पकड़ने वाली पीसी हुई काली मिर्च डालते है |
मीना: हाँ तो चाची जी ऐसा ही किया था ना उस सयाने ने भी |
चाची: पर वो तो साथ साथ बड़े बड़े कलमे भी पढ़ रहे थे|
मीना: लो चाची जी वो तो मै भी पढ़ सकती हूँ |अब आप अपनी ऊँगली लाओ, पानी से छुवाओ, वो बुरी रूह आप के शरीर से निकल कर काली मिर्च के पाउडर में आ जाएगी|
(चाची ने ऐसा ही किया अपनी ऊँगली को पानी से छुवाया तो पहले कुछ नहीं हुआ| फिर मीना ने शैम्पू या साबुन के पानी से थोड़ा सा भीगे हुए कपड़े से चाची जी की वो ही ऊँगली साफ़ करने का नाटक किया और इस धोखे से उस ने चाची जी की ऊँगली में शैम्पू लगा दिया और मुहँ मुहँ में कुछ बुदबुदाने लगी जैसे कुछ पढ़ रही हो |
अब उस ने चाची को कहा कि वो अपनी ऊँगली से पानी के मध्य में डुबोये जैसे ही चाची ने ऐसा किया काली मिर्च का पाउडर पलेट के किनारे की और भाग गया)
चाची: हाँ!वहां भी वो बुरी रूह ऐसे ही भागी थी अरे ! ये काला इल्म तुने कहाँ से सीखा |
मीना: चाची ये कोई काला इल्म नहीं है| यह तो पृष्ठ तनाव का सिद्धांत है और साबुन,शैम्पू और डिटर्जेंट आदि इसी सिद्धांत पर ही तो कपड़ो की सफाई करते है हम सब बच्चों ने अपने विज्ञान अध्यापक से स्कूल में यह सब सीखा है और भी बहुत कुछ जैसे वैज्ञानिक प्रयोग,हाथ की सफाई और चमत्कारों का पर्दाफ़ाश करना भी सीखा है ताकि कोई हमें ना ठग सके, जैसे आप को वो सयाना ठग गया |
चाची: मै अभी जाती हूँ उस सयाने से अपने गहने वापिस लेने |
मीना: रहने दो चाची ,अब वो नहीं मिलेगा | वो तो कभी का भाग गया होगा | अपने अगले शिकार की तलाश में.....
चाची: ये सब कुछ तुझे कैसे पता ?
मीना: ये भी मेरे मास्टर जी ने ही बताया है और ये रूह,आत्मा कुछ नहीं होती और ना ही कोई भूत प्रेत |
चाची: अरे वाह ! मीना बड़ा ‘सयाना’ है रे तेरा मास्टर तो.......
हा हा हा हा हा …………..
और मै चली थाने ऍफ़.आई.आर. करवाने |
इस का वीडियो
प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा--दर्शन बवेजा ,विज्ञान अध्यापक ,यमुना नगर ,हरियाणा
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